तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल का उद्देश्य पूरे भारत में शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाना है। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल ने “योग शिक्षा” का मार्ग चुना है, “योग शिक्षा” के माध्यम से लोगों को स्वस्थ और शिक्षित करना उत्तम प्रयास है ये हमारा पूर्ण विश्वास है।
शिक्षा के क्षेत्र में योग की भूमिका निम्नलिखित है:
- शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार: योग आसन, प्राणायाम, ध्यान मुद्रा और बंध के माध्यम से शरीर का लचीलापन, शक्ति और समन्वय में सुधार करता है। योग का अभ्यास करने वाले बच्चों में मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और अन्य पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: योग तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। योग का अभ्यास करने वाले बच्चों में आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास और रचनात्मकता का स्तर बढ़ता है।
- भावनात्मक कल्याण में सुधार: योग मन को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है। योग का अभ्यास करने वाले बच्चों में सामाजिक कौशल, समस्या-समाधान क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल निम्नलिखित स्तंभों के आधार पर अंतर्निहित दर्शन के माध्यम से अच्छी तरह से सोचा गया एक अनूठा मंडल है।
- योग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना व्यापक दर्शकों तक पहुंचने के व्यापक मिशन के अनुरूप है, और पूरे भारत में शैक्षिक पहल को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
- शिक्षक मण्डल के कार्यकर्ताओं एवं प्रतिष्ठित विद्वानों की एक समिति गठित की गई है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विकास में योगदान देने के लिए योग शिक्षा के सिद्धांत, नीति, संरचना, पाठ्यक्रम और कार्यप्रणाली से संबंधित सिद्धांतों और व्यावहारिक उपायों को तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल के “योग शिक्षा प्रणाली" में वर्णित किया गया है।
- इनमें से अधिकांश को NEP-2020 में घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहले ही जगह मिल चुकी है।
- हमारी शिक्षा व्यापक आधार वाली, मुक्ति-दायक, विवेक पूर्ण, आर्थिक, समयानुकूल, ज्ञानवर्धक एवं सृजनात्मक हो तथा हमारी शिक्षा व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और विश्व के लिए हितकर हो, इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है ।
- हम उत्कृष्टता के प्रयासरत हैं और हमारा लक्ष्य योग और उसके सिद्धांतों को उसकी जड़ों से सिखाना है, ताकि वे आजीवन अभ्यास के साथ अपने जीवन को सफल और बेहतर बना सकें।
तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल पूरे भारत में “योग शिक्षा” को तेजी से बढ़ाने के लिए समग्र संस्था-गत ढांचा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। “सब को शिक्षित करना है” मिशन के तहत तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल ने साझेदारी के लिए उद्योगों को जोड़ने की पहल की हैं।
तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल के साथ साझेदारी के लिए उपलब्ध विकल्प निम्नलिखित हैं:
- सदस्य बनें: योग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। सदस्यों को तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल की गतिविधियों और कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिलेगा और योग शिक्षा कार्यक्रमों के लिए योग प्रशिक्षकों और अन्य संसाधनों तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।
- रोजगार सेवा के रूप में: तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल योग प्रशिक्षकों और योग विशेषज्ञों की तलाश में मदद और रोजगार सेवाएं प्रदान करता है। रोजगार सलाहकार तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल के साथ साझेदारी करके योग प्रशिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण के लिए आवश्यक संसाधनों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।
योग सॉफ़्टवेयर के बारे में पूछताछ करें: तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल योग प्रशिक्षण कार्यक्रमों और योग व्यवसायों के लिए योग सॉफ़्टवेयर प्रदान करते है।
फ्रैंचाइज़ी स्वामी बनें: तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल योग प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए फ्रैंचाइज़ी कार्यक्रम प्रदान करता है। आप तकनीकी शिक्षा विधान काउंसिल के साथ साझेदारी करके अपने स्वयं के योग प्रशिक्षण केंद्र खोल सकते हैं।
विद्यार्थी, आचार्य, अभिभावक, प्रबंधन और समाज ये स्तंभ विचार को बहुआयामी बनाते हैं जो भविष्य की दृष्टि से आवश्यक है। इन स्तंभों के आधार पर जो शिक्षा का दृष्टि पत्र बना है वह चार विभागों को ध्यान में रखकर बना है। ये चार विभाग हैं (1. प्रयोजन 2. प्रकटीकरण 3. पाठ्यक्रम और 4. प्रविधि)। प्रत्येक विभाग में जिन बिंदुओं का समावेश किया है वे व्यापक रूप से शिक्षा के सभी आयामों को समाहित करने का प्रयास है।
समग्र मानवता के कल्याण हेतु भारतीय योग शिक्षा विचारों का विनम्र संकलन अनिवार्य है। इसमें जो कुछ भी श्रेयस्कर सद् विचार हैं उसका श्रेय ऋषि परंपरा की अविरल धारा को है। सुधि पाठकों तथा विद्वान शिक्षाविदों को कुछ न्यूनताएँ, त्रुटियाँ अथवा विसंगतियाँ अवश्य दृष्टिगोचर होंगी। उसका दोष पूर्णतः हमारा है।